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महाराष्ट्र ने तीन व्यक्तियों से बेहद प्रेम किया है। इन्हें महाराष्ट्र की सांस्कृतिक देवता कहा जाए तो भी गलत नहीं होगा। पहले हैं छत्रपति शिवाजी महाराज, दूसरे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और तीसरे बालगंधर्व।

– पु.ल. देशपांडे

महाराष्ट्र ने तीन व्यक्तियों से बेहद प्रेम किया है। इन्हें महाराष्ट्र की सांस्कृतिक देवता कहा जाए तो भी गलत नहीं होगा। पहले हैं छत्रपति शिवाजी महाराज, दूसरे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और तीसरे बालगंधर्व।

– पु.ल. देशपांडे

महाराष्ट्र ने तीन व्यक्तियों से बेहद प्रेम किया है। इन्हें महाराष्ट्र की सांस्कृतिक देवता कहा जाए तो भी गलत नहीं होगा। पहले हैं छत्रपति शिवाजी महाराज, दूसरे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और तीसरे बालगंधर्व।

– पु.ल. देशपांडे

Balgandharva

बालगंधर्व

मराठी रंगमंच की आवाज

नारायण श्रीपाद राजहंस, जिन्हें बालगंधर्व के नाम से जाना जाता है, 20वीं शताब्दी की शुरुआत में एक प्रसिद्ध मराठी गायक और रंगमंच अभिनेता थे। उनकी शक्तिशाली आवाज, आकर्षक मंचीय उपस्थिति और स्त्री पात्रों को खूबसूरती से निभाने की कला ने उन्हें अपार प्रसिद्धि दिलाई। लोकमान्य तिलक ने उन्हें “गंधर्व” (दैवी गायक) की उपाधि दी थी। बालगंधर्व मराठी संगीत नाटक के प्रतीक बन गए और स्वयंवर तथा सौभद्र जैसे नाटकों में अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी विरासत आज भी भारतीय रंगमंच और संगीत प्रेमियों के लिए प्रेरणा बनी हुई है।

Music Section

रचनात्मकता की सुंदरता

संगीत सुनिए और जादू की शुरुआत होने दीजिए।।

Music Section - 2
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